Gold Price : क्या सोना ₹56,000 तक सस्ता होगा? जानिए बाजार के संकेत और विशेषज्ञों की राय

Gold Price : क्या सोना ₹56,000 तक सस्ता होगा? भारत में सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि एक परंपरा और निवेश का अहम साधन है। हर परिवार में इसकी अहमियत होती है, खासकर त्योहारों और शादियों के सीज़न में। लेकिन हाल ही में एक सवाल तेजी से लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है – क्या सोने की कीमत 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती है?

Gold Price
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सोना अपनी अब तक की सबसे ऊँची कीमत पर पहुंचा

9 अप्रैल 2025 को भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत करीब 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है। यह दर ऐतिहासिक रूप से सबसे ऊंची दरों में से एक मानी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर में आर्थिक हालात अस्थिर, युद्ध जैसी स्थितियां, Inflation और interest rates  में बदलाव ने सोने को एक  सुरक्षित निवेश का रूप दे दिया है।

कीमतों में गिरावट आने का अनुमान

Morningstar  जैसे कुछ वित्तीय विश्लेषकों ने दावा किया है कि आने वाले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में 38% तक की गिरावट आ सकती है। इस हिसाब से कीमतें 55,000-56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकती हैं। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं:

  • उत्पादन और भंडारण में वृद्धि: 2024 की दूसरी तिमाही में सोने का उत्पादन और भंडार बढ़ा है, जिससे बाजार में आपूर्ति बढ़ी है।

  • बाजार में मांग : निवेशकों के बीच सोने को लेकर जोश कम हो रहा है, खासकर तब जब स्टॉक्स और रियल एस्टेट में बेहतर रिटर्न की उम्मीद हो।

  • अमेरिकी विशेषज्ञों की राय: कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के विश्लेषकों ने भी सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना जताई है।

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हर कोई नहीं मानता इस अनुमान को

हालांकि, कुछ नामी वित्तीय संस्थाएं इस अनुमान से सहमत नहीं हैं। Bank of America और Goldman Sachs जैसे बड़े संस्थानों का मानना है कि सोने की कीमतों में गिरावट के बजाय इसमें और उछाल आ सकता है। इनके अनुसार, सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,300 से 3,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। इसका मतलब भारत में कीमतें 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।

ये संस्थाएं निम्नलिखित कारणों से कीमतों के बढ़ने की संभावना मानती हैं:

  • देशों के बीच राजनीतिक तनाब : रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में संघर्ष, और अमेरिका-चीन तनाव जैसी स्थितियां सोने की मांग को बढ़ा सकती हैं।

  • केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: भारत, चीन और अन्य देशों के केंद्रीय बैंक बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, जिससे मांग बढ़ रही है।

  • ब्याज दरों में संभावित कटौती: अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरें घट सकती हैं, जिससे निवेशक फिर से सोने की ओर रुख करेंगे।

तो क्या कीमतें वाकई गिरेंगी?

विशेषज्ञों के बीच इस विषय पर कोई एकमत नहीं है। सोने की कीमतें बहुत सारे वैश्विक और स्थानीय कारकों पर निर्भर करती हैं। कुछ अप्रत्याशित घटनाएं, जैसे नई सरकार की आर्थिक नीतियां, वैश्विक मंदी, या फिर युद्ध जैसी स्थिति भी कीमतों पर असर डाल सकती हैं।

अगर बाजार में अस्थिरता बनी रहती है, तो लोग सोने को सुरक्षित विकल्प के तौर पर देखते हैं और मांग बनी रहती है। लेकिन अगर आपूर्ति बहुत ज्यादा हो जाती है और लोग दूसरे निवेश साधनों की ओर जाते हैं, तो कीमतों में गिरावट आ सकती है।

निवेशकों के लिए सलाह

अगर आप सोने में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. स्थानीय ज्वैलर्स से दाम की पुष्टि करें – ऑनलाइन दरें एक संकेत मात्र होती हैं।

  2. वित्तीय सलाहकार की राय लें – हर निवेशक की स्थिति अलग होती है।

  3. छोटे अंतराल में निवेश करने से बचें – सोना एक दीर्घकालिक निवेश है।

क्या सोने की कीमत 56,000 रुपये तक गिरेगी? यह संभव जरूर है, लेकिन पका नहीं। बाजार में भारी शंका हैं और भविष्यवाणियां हमेशा सटीक नहीं होतीं।

अभी के लिए इतना ही कहा जा सकता है कि जो लोग सोने को खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, उन्हें सतर्क रहना चाहिए, बाजार पर नजर रखनी चाहिए, और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।

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