Virat Kohli ने टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा: 14 साल की यादगार पारी का हुआ अंत

Virat Kohli भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे और फैंस के दिलों की धड़कन, विराट कोहली ने आखिरकार टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। सोमवार, 12 मई 2025 को कोहली ने सोशल मीडिया के जरिए इस भावुक फैसले की जानकारी दी। उनके इस ऐलान के बाद क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक भावनात्मक लहर दौड़ गई। ‘किंग कोहली’ के नाम से मशहूर विराट सिर्फ एक बेहतरीन बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि भारतीय टेस्ट टीम के सबसे सफल कप्तान भी रहे हैं। उनके संन्यास के साथ ही टेस्ट क्रिकेट के एक शानदार युग का अंत हो गया।

Virat Kohli सोशल मीडिया पर साझा किया इमोशनल पोस्ट

Virat Kohli ने संन्यास की घोषणा किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं की, बल्कि इंस्टाग्राम और एक्स (पहले ट्विटर) पर एक इमोशनल पोस्ट लिखकर सबको बताया। उन्होंने लिखा:

 

Virat Kohli ने कहा कि यह फैसला उनके लिए बेहद कठिन था और इसे लेने में उन्हें काफी वक्त लगा। लेकिन अब उन्हें लगता है कि सही समय आ गया है कि वह इस फॉर्मेट को नए खिलाड़ियों के लिए छोड़ दें। उन्होंने बीसीसीआई, अपने साथियों, कोचों, स्टाफ और करोड़ों फैंस को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद भी कहा।

14 साल का शानदार सफर

विराट कोहली ने अगस्त 2011 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। शुरुआती कुछ मैचों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा, लेकिन फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 14 साल के लंबे करियर में कोहली ने भारत के लिए कुल 123 टेस्ट मैच खेले और 48.7 की औसत से 9230 रन बनाए।

इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक लगाए। विराट की सबसे बड़ी खासियत ये रही कि उन्होंने न सिर्फ भारत में, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसी मुश्किल जगहों पर भी शानदार बल्लेबाज़ी की। चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करते समय उनकी कई पारियां आज भी फैंस के दिलों में बसी हुई हैं। कई बार उन्होंने अकेले दम पर टीम को मुश्किल हालात से निकालकर जीत दिलाई।

रोहित शर्मा के बाद Virat Kohli भी गए – बदलाव का दौर

कुछ ही दिन पहले विराट कोहली के साथी और मौजूदा टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था। अब विराट के इस फैसले के साथ ही एक युग का समापन हो गया है। इन दोनों दिग्गजों ने एक दशक से ज्यादा समय तक भारतीय टीम को संभाले रखा, बैटिंग लाइनअप को मजबूत किया और कई यादगार जीत दिलाई।

इनके जाने से निश्चित ही एक खालीपन आएगा, लेकिन अब युवा खिलाड़ियों के पास मौका है कि वे अपनी पहचान बनाएं और भारतीय टेस्ट क्रिकेट को आगे बढ़ाएं।

सिर्फ आंकड़े नहीं, एक सोच थे विराट

Virat Kohli का टेस्ट करियर आंकड़ों में जरूर शानदार दिखता है, लेकिन उनका असली योगदान इन नंबरों से कहीं ज्यादा बड़ा है। उन्होंने भारतीय टीम में “जीतने की सोच” डाली। पहले टेस्ट क्रिकेट में ड्रॉ बचाने की सोच होती थी, लेकिन कोहली के नेतृत्व में टीम हर मैच जीतने के इरादे से खेलने लगी।

उनकी आक्रामक शैली, जोश से भरा हुआ व्यवहार, और हर खिलाड़ी को बेस्ट बनाने की चाह ने भारतीय टीम की सोच ही बदल दी। कोहली के इसी जुनून ने उन्हें करोड़ों लोगों का हीरो बनाया।

“King Kohli” की विरासत

Virat Kohli का टेस्ट से संन्यास भारतीय क्रिकेट में एक भावनात्मक मोड़ है। उन्होंने सिर्फ एक फॉर्मेट नहीं छोड़ा, बल्कि एक ऐसा अध्याय बंद किया जिसमें जुनून, समर्पण और मेहनत की मिसाल थी। अब भले ही वह सफेद जर्सी में मैदान पर न दिखें, लेकिन उनके बनाए गए रास्ते और सोच हमेशा टीम के साथ रहेंगे।

उनकी जगह कोई नहीं ले सकता, लेकिन उनकी प्रेरणा से नई पीढ़ी जरूर कुछ बड़ा कर सकती है। ‘किंग कोहली’ को उनके अद्भुत टेस्ट करियर के लिए सलाम और भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं।

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